Thursday, 26 January 2017

Yuva Sandesh : Pauranik Katha #3: लक्ष्मण को मिला ज्ञान

HINDI

श्री राम और रावण के बीच हुए अंतिम युद्ध के बाद रावण जब युद्ध भूमि पर,
मरणशैया पर पड़ा होता है तब भगवान राम लक्ष्मण को समस्त वेदो के ज्ञाता,
महापंडित रावण से राजनीति और शक्ति का ज्ञान प्राप्त करने को कहते हैं।

और तब रावण लक्ष्मण को ज्ञान देते है कि-

    अच्छे कार्य में कभी विलंब नहीं करना चाहिए। और अशुभ कार्य को मोह वश
करना ही पड़े तो उसे जितना हो सके उतना टालने का प्रयास करनी चाहिए।
    शक्ति और पराक्रम के मद में इतना अँधा नहीं हो जाना चाहिए की हर
शत्रु तुच्छ और निम्न लगने लगे। मुझे ब्रह्मा जी से वर मिला था की वानर
और मानव के अलावा कोई मुझे मार नहीं सकता। फिर भी मै उन्हे तुच्छ और
निम्न समझ कर अहम में लिप्त रहा। जिस कारण मेरा समूल विनाश हुआ।
    तीसरी और अंतिम बात रावण नें यह कही कि, अपनें जीवन के गूढ रहस्य
स्वजन को भी नहीं बताने चाहिए। चूँकि रिश्ते और नाते बदलते रहते हैं।
जैसे की विभीषण जब लंका में था तब मेरा हितेच्छु था। पर श्री राम की शरण
में आने के बाद मेरे विनाश का माध्यम बना।

सार- अपनें गूढ़ रहस्य अपनें तक रखना, शुभ कर्म में देरी ना करना, गलत काम
से परहेज़ करना, और किसी भी शत्रु को कमज़ोर ना समझना , यह अमूल्य पाठ हर
एक इंसान को अपनें जीवन में उतारना चाहिए।


ENGLISH

After the final battle between Rama and Ravana Ravana on the battlefield, Mrnshaiya Lord Ram Laxman has had on all knower of the Vedas, Gaining knowledge of politics and power to Ravan Mahapandit says. 

Ravana then give Laxman knowledge that- 

Good work should never delay. And ominous task fascination tame Had to do that you should try to avoid it as much as possible. So in terms of strength and power should not blind at all And the enemy seemed trivial. Brahma was the bridesmaid I got apes And no other human can not kill me. Yet I despised them and The following are important and involved in understanding. The root cause of my destruction. It was the third and final thing that Ravana was released, consult your secret mysteries of life Kin should not even tell. Since the relationship and, as a change. When I was Hitechcu catastrophically when such Lanka. Mr. Ram Sharan After making my way to destruction. 

Sar- consult your deciphering ventured to keep up, do not delay in auspicious, rongdoing 
Be avoided, and not weaken any enemy to understand, this invaluable text every A person should consult your life take off. 


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